देश भक्ति कविता

गाज़ीपुर टुडे न्यूज धर्मदेश हित शीश जिसने कटाए, ए पूछा गया तो यही वह बताएं, कि मरने में मुझको मजा आ रहा है। गुरु गोविंद के बच्चे फतेह सिंह और जोरावर की, कहानी जानती दुनिया वो शेरे दिल दिलावर की, पकड़ सरहिंद मेरे जिस समय लाए गए दोनों, उन्हें तलवार और कुरान दिखलाएं गए दोनो, किए जब वह नहीं मंजूर इस इस्लाम को भाई, तो वह जीते ही दीवारों में चुनवाए गए दोनों, जब गर्दन तक ईटों की दीवारें आई, तो बच्चों से काजी कहा यूं सुनाई, अगर तुम मुसलमान बन जाओ दोनों, अभी मौत से तेरी कर दुं रिहाई, तो उस वक्त बच्चों ने हंसकर कहा है, कि मरने में मुझको मजा आ रहा है। धर्म व देश की खातिर बंदा वीर बैरागी, रहा साधु मगर तलवार लेकर बन गया बागी, पकड़ धोखे से जब वह सामने सुल्तान के आया, सजा-ए-मौत कि उसको फर्रूखसियर ने फरमाया, तो पहले गई आंखें उसकी निकाली, फिर नाखूनों में उसकी खपचाली डाली, लगे लाल लोहे से उसको जलाने, तो बैरागी बंदा लगा मुस्कुराने, उसे देख हंसते ये पूछा किसी ने, क्या त...