उत्तर प्रदेश में हुआ छात्रवृत्ति घोटाला अब नहीं आएगी छात्रों की छात्रवृत्ति
गाज़ीपुर टुडे न्यूज
उन सभी छात्रों के लिए दुख भरी खबर जो छात्रवृत्ति के सहारे अपनी पढ़ाई लिखाई करते थे। अब उन्हें छात्रवृत्ति के बगैर पढ़ाई लिखाई करनी पड़ेगी या अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़नी पड़ेगी।
जी हां आपको बता दें कि हाल ही में विभाग सभी छात्रों की छात्रवृत्ति स्टेटस को बदल दिया और धन ना होने के अभाव में छात्रवृत्ति कैंसिल कर दिया। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार छात्रवृत्ति नहीं मिलने पर छात्रों के आगे की पढ़ाई कैसी होगी? फिजूलखर्ची करने के लिए सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है लेकिन छात्रों की पढ़ाई रोकने के लिए तरह-तरह के तरीके हैं। जनता से टैक्स वसूल कर अपने खजाने भरे जा रहे हैं लेकिन छात्रवृत्ति देने के नाम पर धन का अभाव दिखा करके पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। बड़ा सवाल ये है कि क्या इस घोटाले में केवल विभाग का हाथ है या सरकार का भी? क्या सरकार विभाग के अधिकारियों के घरों और उनकी नौकरी पर भी बुलडोजर चलाएगी जो छात्रों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं?
एक तरफ जहां सरकार छात्रों की नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं वहीं उनके विभाग के कर्मचारी पूरी तरह से लीपापोती करने में व्यस्त हैं। अगर सरकार के पास छात्रवृत्ति देने के लिए धन नहीं तो आवेदन ही क्यों लेती है सरकार ₹200 -₹400 उसके लिए भी खर्च करने पड़ते हैं। और जब सब कुछ सही है तो फिर छात्रवृत्ति क्यों नहीं देती। फ्री की चीजें बांटने में सरकारी अपना पेड़ छपवाने में लगी हुई है लेकिन छात्रों को उनकी पढ़ाई को आगे निरंतर जारी रखने के लिए उनका पैर खींचने में भी लगी हुई है ऐसे में छात्र आगे की पढ़ाई कैसे करेंगे? अधिकारी वातानुकूलित कमरे में बैठकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और जनसुनवाई पोर्टल पर झूठी आख्या बना दे रहे हैं। छात्रों के पास आंदोलन करने के सिवा इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।
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