सरकार के पास पैसे ना होने की आभाव में रुका विद्युतीकरण का कार्य
सरकार के पास पैसे ना होने की आभाव में रुका विद्युतीकरण का कार्य
सरकारी पैसों के अभाव में हुआ आधा अधूरा विद्युतीकरण दे रहा है संभावित खतरे की चेतावनी। जिले के करंडा ब्लॉक के सबुआ ग्राम पंचायत कि कुछ मजरों मे जैसे चकिया व सबुआ बस्ती आदि जगहो पर आधा अधूरा विद्युतीकरण कर सरकारी खानापूर्ति कर दी गई है। चकिया मजरे के आधे गांव में एलएनटी के केबल द्वारा विद्युतीकरण कर शेष आधे गांव के लोगों को एलमुनियम के नंगे वायर से सप्लाई कर दी गई है। जिससे आए दिन शॉर्ट सर्किट की वजह से ट्रांसफार्मर जलता रहता है। जिससे आंधी तूफान के दिनों में बिजली के नंगे तार पेड़ पौधे से टकराकर खतरे उत्पन्न कर रहे हैं। मीटर रीडर के ना आने से उभोक्ता बिजली बिल नहीं जमा कर पा रहे हैं। खराब गुणवत्ता के मीटर लगा दिए गए हैं। जिससे उपभोक्ता परेशान रहते हैं। मीटर में से विद्युत तार जलकर बाहर निकल जा रहा है। जो कि आम बात है। विभाग द्वारा मनमाने ढंग से विद्युत बिल भेजा जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं का सर चकरा जा रहा है। विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को जब इसके बारे में अवगत कराया गया तो उनके द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया कि 31 दिसंबर 2020 से पहले विद्युतीकरण का कार्य पूरा करा लिया जाएगा लेकिन यह दावा खोखला निकला।मामला प्रकाश में आया तो गाज़ीपुर टुडे न्यूज़ के संवादाता ने विभाग के मुख्य अभियंता से इस बारे में बात करी तो उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा अभी पैसा नहीं मिला है और जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक काम कैसे किया जाएगा?
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या सरकार के पास अब पैसे नहीं रहे विद्युतीकरण कराने को? अगर पैसे नहीं है तो तमाम दावे क्यों? कहीं ना कहीं यह जनता के साथ धोखा तो नहीं!
Comments
Post a Comment
Fallow please